राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड का गठन राज्य विधान सभा द्वारा पारित राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग अधिनियम, 1955 के अनुरूप हुआ है, राज्य में खादी एवं ग्रामोद्योग के दायित्व को पूर्ण करने हेतु निम्न स्त्रोतों से धनराशि प्राप्त होती है:-
1. राजस्थान सरकार
राज्य सरकार द्वारा धनराशि बजट निर्णायक समिति की अनुशंषा पर निम्नानुसार उपलब्ध करवायी जाती है:-
(अ) आयोजना भिन्न
बोर्ड के संचालन हेतु कार्मिको के वेतन-भत्ते तथा राज्य सरकार द्वारा खादी बिक्री के प्रोत्साहन हेतु राज्य कोटे से रिबेट चुकारे हेतु धनराशि उपलब्ध करवायी जाती है।
(ब) आयोजना व्यय
राज्य में खादी एवं ग्रामोद्योग सेक्टर के विकास हेतु पंचवर्षीय योजना में अनुमोदित प्रावधानों के अन्तर्गत प्रतिवर्ष राशि उपलब्ध करवायी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2007-08 से प्रारम्भ हुयी पंचवर्षीय योजना खादी एक नई पहल, विपणन के नवीन आयामों की यथा पैकिंग एवं पैकेजिंग में सुधार, किस्म नियंत्रण, खादी भण्डारों का नवीनीकरण, खादी वस्त्रों में फैशन डिजाइनरों की सेवा लिया जाना इत्यादि, पुष्कर एवं सांगानेर में राज्य के बेरोजगार युवकों को तकनीकी ट्रेडों में अल्पकालीन प्रशिक्षण तथा बोर्ड में उपलब्ध मानवीय संसाधनों के अधिकतम उपयोग हेतु प्रशिक्षण व सूचना प्रौद्योगिकी उपलब्ध करवाया है।
2. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग
भारत सरकार द्वारा खादी ग्रामोद्योग के विकास हेतु खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के मार्फत धनराशि ऋण एवं सहायता के रूप में उपलब्ध करवायी जा रही है। वर्तमान में आयोग द्वारा मात्र ग्रामोद्योगों की स्थापना पर अनुदान का वितरण बोर्ड द्वारा किया जा रहा है।